Google Search Console, Google का ही एक tool है जिसकी मदद से आप Google Search पर अपनी website की performance जान सकते हैं. साथ ही इसकी मदद से यह भी जाना जा सकता है कि Search engine में आप अपनी website को ranking में ऊपर कैसे ला सकते हैं.
Google Search console आपकी website पर traffic बढ़ाने में भी मदद करता है. आप इसकी हेल्प से जान सकते हैं कि कैसे अपनी website पर वह traffic लाया जाए जो असल में आपकी website के काम का है.
Google Search Console किसी भी website को क्रॉल करने, Index करने के बहुत से तरीके बताता है जिसकी मदद से आप आसानी से अपनी website कि हर performance पर नज़र रख सकते हैं और ज़रूरत पड़ने पर उसमें सुधार भी कर सकते हैं. साथ ही यह URL इंस्पेक्शन की भी पूरी रिपोर्ट आपको देता है.
इस tool के बारे में एक और अच्छी बात है कि आपको रोज़ाना इसमें लॉग इन करने कोई ज़रूरत नहीं है. अगर Google को आपकी website में किसी भी तरह की प्रॉब्लम नज़र आती है तो ये आपको खुद ही एक warning mail कर देता है. लेकिन फिर भी कोशिश करें कि समय समय पर आप इसमें लॉग इन करते रहें ताकि आपको website के स्टेटस की जानकारी मिलती रहे. इसके अलावा अगर आपको किसी भी तरह से website के content में बदलाव करना है तो आपको लॉग इन करना ही पड़ेगा.
Google search console क्या है? | What is Google search console in Hindi?
Google search console, Google हर एक publisher को देता है और यह एक free tool है. इसकी मदद से कोई भी publisher अपनी website की Performance, Ranking, User Experience इत्यादि को आसानी से Track कर सकते हैं.
अगर आपकी भी कोई website है या blog है तो इस tool का इस्तेमाल करते हुए आप बहुत ही आसानी से अपनी साइट पर आने वाले Organic Traffic के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
इसमें आपको एक Particular दिन आपकी website पर आने वाले users का नंबर तो पता चलता ही है साथ ही आपको यह जानकारी भी मिल जाती है कि वो लोग कौनसा keyword search करते हुए आपकी website तक पहुंचे हैं. इसकी मदद से आपको यह भी पता चल जाता है कि Google पर कौनसे page इंडेक्स हो रहे हैं.
गूगल सर्च कंसोल का उपयोग कैसे करें | Google Search Console ko Istemal Kaise Kare?
अब तक आप जान गए होंगे कि Google Search Console kya hai, अब बात करते हैं Google Search Console में अलग अलग Options होते हैं जिनके बारे में अगर आप जान लेते हैं तो यह जानना आसान हो जाता है कि Google Search Console कैसे काम करता है. ये option कुछ इस तरह से हैं;
Overview page
Google Search Console में सबसे पहले लॉग इन करते ही Overview पेज खुल जाता है, Overview पेज आपकी website का परफॉरमेंस और SEO का Quick Overview दिखाता है.
Overview में आप एक ही साथ एक ही साथ और एक ही page पर Performance, Coverage, Experience जैसी साड़ी चीज देख सकते हैं.
URL Inspection
URL Inspection के जरिए आपको अपनी पोस्ट को Google में Index करवाने में हेल्प मिलती है. साथ ही इसकी मदद से आप अपनी website से जुड़े सभी webpage और URL के स्टेटस के बारे में पता लगा सकते हैं. जैसे कोई Particular URL गूगल में Index है या नहीं, किसी वेबपेज में कोई Problem तो नहीं है जैसी सब चीज इसके जरिए पता चल जाती है.
नए पोस्ट को गूगल में इंडेक्स करने के लिए आप URL को URL Inspection में इंटर करें और फिर Request Indexing पर क्लिक करके URL की Indexing के लिए Request करें.
Performance
यह Google Search Console का सबसे important पार्ट है क्योंकि इसकी मदद से ही आप अपनी website पर आने वाले Organic Traffic को चेक कर सकते हैं. इसके साथ ही Google News या Google Discover से website पर आने वाला traffic भी इससे चेक कर सकते हैं. जैसे ही आप Performance Tab पर क्लिक करेंगे, आपको niche दिए गए कुछ Option सामने देखने को मिलते हैं-
Total Click – इससे पता चलता है कि search engine में आपकी website पर कितने Click आए हैं.
Total Impression – यह option बताता है कि आपकी website कितनी बार Search Engine में Show हुई है.
Average CTR – इस ऑप्शन से यह जाना जा सकता है कि आपकी website को एक बार देखने के बाद user ने avg कितने Clicks किए हैं.
Average Position – यह बताता है कि कौन सा keyword आपकी site पर कौनसे नंबर पर rank कर रहा है. इसे देख कर आप keyword को बदल सकते हैं.
आप इन सभी Matrix को Date फिल्टर लगाकर भी चेक कर सकते हैं. Search Console में Default फ़िल्टर 3 महीने के लिए होता है यानि कि आप पिछले 3 महीने का डाटा इसमें देख सकते हैं.
इसके अलावा आप इन सभी Matrix को अपनी वेबसाइट की Image, News, Video में भी Check कर सकते हैं, नीचे आपको अपनी साइट ट्रैफिक को ठीक से ट्रैक करने के लिए कुछ और भी विकल्प मिलेंगे, जो इस प्रकार हैं –
Query –यह बताता है कि यूजर्स आपकी website पर कौनसे keyword search करते हुए आ रहे हैं. इसकी मदद से आप अपनी website के सभी rank किये हुए keyword पता लगा सकते हैं.
Page – आपकी website से जुड़े हुए अलग अलग web page पर आने वाले traffic की जानकारी आप इसके मदद से ले सकते हैं.
Country – आपकी साइट पर किस देश से ट्रैफिक आ रहा है बस एक क्लिक से देखा जा सकता है.
Device – यह ऑप्शन दिखाता है कि कौनसे device से कितने user आपकी website पर आ रहे हैं.
Search Appearance – इस ऑप्शन से पता चलता है कि आपकी साइट पर search के अलावा और कहां से ट्रैफिक आ रहा है.
Date – आप यहां से अपनी साइट पर Date Wise क्लिक, इंप्रेशन, CTR और पोजीशन की जांच कर सकते हैं.
Index (इंडेक्स)
Performance के बाद indexing का ऑप्शन होता है, indexing में आपको Coverage, Sitemap and Removal का ऑप्शन मिलता है –
1 – Coverage
इसकी मदद से आप पता लगा सकते हैं कि जब Google का क्रॉलर आपकी website पर आया तो website को क्रॉल करते समय क्या प्रॉब्लम थी, या फिर Google के अनुसार आपकी website में क्या Error हैं.
आपके कौन से पेज इंडेक्स हैं और कौन से पेज इंडेक्स नहीं हैं. इन सभी के बारे में Detailed इनफार्मेशन Coverage वाले सेक्शन से मिल जाती है..
Error – यहां पर आपकी साइट के वे सभी पेज होते हैं जिनमें किसी भी कारण से Error था और Google उस प्रॉब्लम की वजह से उन pages को क्रॉल नहीं कर पाया है.
Valid With Warning – यहां Google आपकी साइट के उस webspages के बारे में बताता है जिसे क्रॉल किया गया है लेकिन उसमें कोई छोटी सी गलती है.
Valid – यहां आपकी साइट के वे सभी वेबपेज होते हैं जिन्हें Google द्वारा इंडेक्स कर लिया गया होता है.
Excluded – यहां साइट के वे वेब पेज होते हैं जिनकी इंडेक्सिंग को आपने Robots.txt फ़ाइल या Robot Tag के माध्यम से ब्लॉक कर दिया है या वे वेब पेज जिन्हें Google ने जानबूझकर इंडेक्स नहीं किया हैैैै.
2 – Sitemap
इस Option के द्वारा आप अपने ब्लॉग का Sitemap Search Engine में Add कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको पहले Sitemap बनाना होता है, जिसमें आपके ब्लॉग के सभी महत्वपूर्ण URL होते हैं, जिन्हें आप जल्दी से index करना चाहते हैं.
3 – Removal
अगर आप अपने किसी webpage को search engine से remove करना चाहते हैं तो आप Removal ऑप्शन से उसे हटा सकते हैं. लेकिन एक बात का ध्यान रखें कि इसे Temporary Base पर सिर्फ 6 महीने के लिए ही हटाया जा सकता है.
Experience
Index के बाद Experience का option आता है, , इसमें आपको Page Experience, Core Web Vitals और Mobile Usability का ऑप्शन मिलता है –
1 – Page Experience
Page Experience में आपको यह जानकारी मिलती है कि जब कोई visitor आपकी साइट पर आया तो वह साइट पर कितनी देर तक रहा है और आपकी website पर आने के बाद उस visitor को website से जुड़ी किसी तरह की परेशानी तो नहीं हुई है.
आप इस रिपोर्ट को डेस्कटॉप और मोबाइल दोनों के लिए अलग अलग देख सकते हैं और ये 5 factors पर depend करती है-
Core Web Vitals – आपकी साइट की लोडिंग स्पीड और layout सही होना चाहिए.
Mobile Usability – आपकी website का mobile फ्रेंडली होना जरुरी है.
Security Issue – अगर आपकी website पर किसी कारण से यूजर का personal data लिया जाता है तो आपकी responsibilty है कि आप उसका पूरा ध्यान रखें.
Https Status – आपकी साइट पर एक SSL सर्टिफिकेट इनस्टॉल होना चाहिए.
Ad Experience – वेबपेज में कंटेंट की तुलना में बहुत अधिक Ads नहीं होने चाहिए.
2 – Core Web Vitals
यह एक SEO Matrix है जो आपकी साइट के सभी webpage के लिए है. इसकी मदद से आप साइट की लोडिंग स्पीड, लेआउट आदि में सुधार कर सकते हैं. Core Web Vitals में निम्न तीन चीजें आती हैं.
Large Contentful Paint (LCP) – वेबपेज ओपन करने के बाद सबसे large कंटेंट कितने समय में लोड हो रहा है. Google के नज़रिए से इसे हमेशा 4 सेकंड से कम समय में लोड होना चाहिए.
First Input Delay (FID) – अगर webpage पर कोई link हैं तो यूजर एक बार click करने के कितनी देर बाद संबंधित वेबपेज पर रीडायरेक्ट हो रहा है, Google के हिसाब से ये 100 मिलीसेकंड के अंदर रीडायरेक्ट हो जाना चाहिए.
Cumulative Layout Shift (CLS) – वेबपेज में कोई Element इधर-उधर Shift नहीं होना चाहिए. जैसे एक बटन जो वेबपेज लोड करते समय ऊपर दिखाई देता है और लोड करने के बाद नीचे दिखाई देता है, यह CLS है. यदि वेबसाइट का CLS स्कोर 0.1 सेकेंड के अंदर है तो यह Good की कैटेगरी में आता है.
Core Web Vitals की report आप मोबाइल और डेस्कटॉप के अनुसार चेक कर सकते हैं, जैसे आपके कितने webpages में ऊपर दिए गए तीन में से कोई भी error है और कितने वेबपेज बिल्कुल Perfect हैं.
3 – Mobile Usability
Mobile Usability ऑप्शन के माध्यम से आप यह जांच सकते हैं कि कितने वेब पेज मोबाइल फ्रेंडली हैं और कितने वेबपेज मोबाइल फ्रेंडली नहीं हैं, या किस वेबपेज में Error है.
Enhancements
Enhancements में आपकी साइट पर मौजूद Structure Data या Schema Markup की report होती है, यानि जितने भी Schema आपकी वेबसाइट पर add हैं आप उन सब की रिपोर्ट Enhancements से देख सकते हैं.
Enhancements report आपकी साइट के Schema Markup के आधार पर जनरेट होती है जैसे आप FAQ Schema का उपयोग कर रहे हैं तो Enhancement में FAQ का विकल्प Enable हो जाएगा, ठीक इसी तरह Review, AMP, Sitelink Searchbox, Breadcrumb आदि विकल्प Enable हो सकते हैं.
Enhancement की report से पता चलता है कि आपके Structure Data को वेबसाइट में ठीक से Implement हो चुका है या नहीं, यहां किसी भी Structure Data की रिपोर्ट ओपन करने पर आपको निम्नलिखित 3 विकल्प मिलते हैं –
Error – वेबसाइट के Structure Data वाले वेबपेजों में जो भी Error होते हैं वो सब आपको यहाँ पर कारण सहित बता दिए जाते हैं.
Valid With Warning – इसमें आपकी साइट के उन Structure Data वेबपेजों की जानकारी होती है जिन्हें इंडेक्स तो कर लिया गया है लेकिन उसमें कोई छोटी सी Mistake है.
Valid – इस सेक्शन में उन सभी Structure Data वेबपेजों के बारे में जानकारी मिलती है जिन्हें सफलतापूर्वक इंडेक्स कर लिया गया हैै.
Security and Manual Action
इसके बाद आपको Security और Manual Action का ऑप्शन मिलता है. Manual Action को Human द्वारा लिया जाता है जबकि Security Action को क्रॉलर द्वारा लिया जाता है –
Manual Action – यह सेक्शन आपको बताता है कि क्या Google ने साइट पर कोई Manually एक्शन लिया है.
Security Action – यह सेक्शन आपको बताता है कि क्या Google ने साइट पर कोई Security एक्शन लिया है.
Link (लिंक)
यहां पर आपको Google आपकी वेबसाइट से संबंधित सभी Links की जानकारी देता है. आप इस सेक्शन से अपनी वेबसाइट के Internal Link, External Link और Backlink के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
Setting (सेटिंग)
यह सेक्शन पूरी तरह से website के owner के लिए है. यहां से, आप Search console में नए यूजर को add कर सकते हैं. सर्च कंसोल की settings को अपने अनुसार बदल सकते हैं, या प्रॉपर्टी यानि अपनी साइट को सर्च कंसोल से Remove भी कर सकते हैं.
Google Search console को इस्तेमाल करने के फायदे | Google Search console ko use karne ke fayde
Google Search console को इस्तेमाल करने के फायदे कुछ इस तरह से हैं;
- इसकी मदद से आप अपनी website पर आने वाले organic traffic के बारे में पूरी तरह से पता लगा सकते हैं.
- इसकी मदद से आप जरुरी keyword को ट्रैक कर सकते हैं.
- Google Search console को इस्तेमाल करते हुए आप अपनी website के सभी web pages की जानकारी ले सकते हैं कि कौनसे webpage इंडेक्स कर रहे हैं और किस webpage में error आ रहा है.
- Google Search console की मदद से किसी भी खराब URL वाले webpage को remove करके आप अपनी website की ranking में सुधार कर सकते हैं.
- User आपकी website से कैसे इंटरैक्ट कर रहे हैं यह भी आप Google Search console की मदद से पता कर सकते हैं. साथ ही यूजर आपके website पर कितनी देर रहा है और किस keyword search के मदद से आया है ये जानकारी भी आपको मिल जाती है.
- इसकी मदद से website में मिलते वाले structured data की report निकाली जा सकती है.
- Website में इस्तेमाल किए गए links के बारे में पूरी जानकारी Google Search console की मदद से ली जा सकती है.
Google Analytics or GSC में क्या अंतर है? | Google Analytics or GSC mai Kya Antar Hai?
देखने में ये दोनों एक जैसे ही लगते हैं लेकिन अगर Google Search Console और Google Analytics में अंतर की बात की जाए तो इनमें सबसे पहला अंतर ये है कि अपने ब्लॉग या वेबसाइट को GSC(Google Search Console) से Connect करने के लिए तीन Option देता है जिसमे पहला Option File Upload का रहता है जिसमें blogger File Upload करके अपने ब्लॉग को Google Search Console से Connect कर सकते हैं
और दूसरा Meta Tag से अपने ब्लॉग और वेबसाइट को Google Search Console से Connect कर सकते हैं. इसके अलावा तीसरा तरीका TXT Record Add करके है. इसमें blogger अपने ब्लॉग को Verification कर सकते हैं लेकिन वहीं Google Analytics को अपने ब्लॉग और वेबसाइट से Connect करने के लिए JS Code का इस्तेमाल किया जाता है तो ये रहे Google Analytics और Google Search Console के कुछ Basic Difference जो किसी भी ब्लॉग और वेबसाइट को Connect करने के लिए होता है.
इसके अलावा GSC में हमे Real time data नहीं देखने को मिलता है लेकिन Google Analytics में Real Time Data दिखता है जैसे कि लास्ट 5 मिनट में आपके ब्लॉग पर कितने यूजर Active हैं यह Google Analytics बता सकते है.
FAQs on Google search console kya hai
1. गूगल कंसोल कैसे काम करते हैं?
Ans. Google सर्च कंसोल आपकोबहुत से जानकारी डेट अहै जैसे कि आपकी साइट किन कीवर्ड के लिए रैंक करती है, आप उन कीवर्ड के लिए कहां रैंक करते हैं, विज़िटर कितनी देर आपकी website पर मौजूद था आदि. इसमें अलग अलग option आपको मिलते हैं जिसकी मदद से आप यह समझ सकते हैं कि GSC कैसे काम करता है.
2. गूगल सर्च कंसोल सेट करने के लिए मुझे क्या चाहिए?
Ans. इसके लिए आपको niche दिए गए स्टेप्स फॉलो करने होंगे.
Looker Studio में साइन इन करें.
सबसे ऊपर बाईं ओर Search Console कनेक्टर चुनें.
अगर आपसे अनुमति मांगी जाती है, तो Looker Studio को अपने डेटा का ऐक्सेस देने के लिए अनुमति दें पर क्लिक करें.
साइट पैनल में, वह साइट चुनें जिससे आपको कनेक्ट करना है.
3. Website ko GSC se kaise Jode?
- पहले, गूगल सर्च कंसोल पर जाएं.
- अपना वेबसाइट URL और sitemap सबमिट करें.
- वेबसाइट को Validate करने के लिए सर्च कंसोल में दिए गए इंस्ट्रक्शन फॉलो करें.
- वेलिडेशन पूरी करने के बाद, आपकी वेबसाइट गूगल सर्च कंसोल से जुड़ जाएगी.
4. गूगल सर्च कंसोल में एवरेज पोजीशन क्या है?
Ans. Google खोज कंसोल पर, एवरेज पोजीशन किसी particular कीवर्ड के लिए आपकी वेबसाइट के URL के numeric क्रम को बताती है.
5. Google Search Console mai regex kya hai?
Ans. गूगल सर्च कंसोल में “रेगेक्स” का मतलब “रेग्यूलर एक्सप्रेशन्स” होता है। ये एक्सप्रेशन्स होते हैं जो texted pattern को डिफ़ाइन करते हैं, जिनके माध्यम से आप स्पेसिफिक क्वेरीज़ या यूआरएल्स को टारगेट कर सकते हैं, जैसे कि विशिष्ट कीवर्ड्स, यूआरएल के सेगमेंट्स, या विशिष्ट पैटर्न्स. रेग्यूलर एक्सप्रेशन्स का उपयोग करके आप अपनी वेबसाइट के प्रदर्शन का विश्लेषण कर सकते हैं और स्पेसिफिक क्वेरीज़ या पेज्स को पहचानने के लिए सर्च कंसोल में फ़िल्टर्स और सर्च क्वेरीज़ में इस्तेमाल किए जाते हैं