अगर आप काफी टाइम से blogging कर रहे हैं तो आपको Internal Linking के बारे में जरुर जानकारी होगी लेकिन अगर आप नए blogger हैं या हाल ही में अपनी content website शुरू की है तो हो सकता है कि आपको इसकी जानकारी ना हो या फिर आप Internal Linking करते समय कुछ ना कुछ गलतियां कर सकते हैं जिसकी वजह से आपको मनचाहे रिजल्ट नहीं मिल पाते हैं.
जैसा कि नाम से समझ में आ रहा है Internal Linking में आपके एक article को दूसरे article से जोड़ा जाता है. बहुत बार कई article पढ़ते हुए आपको उसमें अलग अलग link मिलते हैं in पर क्लिक करते हुए आप उन blogs को भी पढ़ सकते हैं. ज्यादातर ये उसी blog से जुड़े होते हैं. इसी तरह से blogs को आपस में जोड़ना Internal Linking है. यह On Page SEO का एक बहुत ही अहम हिस्सा है.
अगर आप SEO के हिसाब से अपने article में Internal Linking करना चाहते हैं तो ज़रूरी है कि आप इसे अच्छे से करें और आपको जानकारी होनी चाहिए कि Internal Linking kya hai? और Internal Linking kaise kare?
Internal Linking करते समय आपको बहुत से चीजों का ध्यान रखने की ज़रूरत है कि कैसे कभी भी किसी article में ज्यादा link एक साथ ना डालें और Internal Linking best practices क्या है? हम यहां जानेगे कि How to do internal Linking
Internal Linking क्यों जरुरी है? | Importance of Internal linking in Hindi
किसी भी article में internal linking करना काफी फायदेमंद रहता है.SEO के हिसाब से भी यह सही रहता है. इसके फायदे कुछ इस तरह से हैं;
1. यूजर एक्सपीरियंस को करता है बेहतर
जब भी user आपकी website पर आते हैं और किसी भी article को पढ़ते हुए अगर उन्हें इसमें relevant internal link मिलते हैं तो उसे ये हमेशा ही पसंद आता है और automatically हीuser आपकी website पर ज्यादा समय रहेगा.ऐसा करने से यूजर website में आसानी से navigate करता है और उसे एक ही जगह पर साड़ी जानकारी मिल जाती है जिसकी वजह से एक समय के बाद आपकी website की ranking भी अच्छी हो जाती है.
2. Website पर user ज्यादा देर तक बना रहता है
कभी भी जब user आपकी website visit करते हैं तो जरुरी है कि उन्हें सही जानकारी मिले, ऐसा न होने पर वो जल्द ही website को छोड़ कर दूसरी जगह पर चले जाते हैं जिससे आपकी website की ranking नीचे जा सकती है. अगर आपने internal linking अच्छे से की है तो यूज़र ज्यादा देर तक website पर रहता है जिससे आपकी website पर traffic बढ़ता है. साथ ही SERP भी आपकी website को ऊपर ranking में ले कर आता है क्योंकि उनके अनुसार जब user ज्यादा देर किसी website पर बना है तो इसके मायने हैं कि वहां relevant जानकारी मिल रही है.
3. User को एक ही जगह मिलती है सारी जानकारी
एक user होने के नाते हम खुद कभी भी एक ही जानकरी के लिए 5-6 कघ अलग अलग जा कर search करना पसंद नहीं करते हैं. अगर article में आपको कुछ समझ नहीं आ रहा है और आपको उसके बारे में internal link वही मिल जाए तो आप जल्दी से वहीं से उसके बारे में जानकारी ले लेते हैं. इसीलिए Internal linking को अच्छे से करना बेहद जरुरी है.
Internal linking के प्रकार| Types of Internal Linking in Hindi
Internal linking सीखने के लिए जरुरी है कि आपको इसके अलग अलग प्रकार पता हों, तभी आप समझ पाएंगे कि आपको किस तरह की internal linking की ज़रूरत अपने blog में करनी है. तो आइए जानते हैं कि Internal Link कितने प्रकार से हो सकती है;
1. Menu/ Internal Links का Navigation
आपके blog में Navigation menu में internal link होना जरुरी है. ये आपके blog के header में रहते हैं और user को आपके blog में दी गई जानकारी के बारे में बताते हैं. ये Internal Link, आपके blog की Category, Primary Services,आदि से जुड़ी जानकारी देते हैं.
इन Internal Link के माध्यम से user को बाकि जरुरी लेखों के बारे में जानकारी मिलती है और इसीलिए इन्हें Navigation Links कहा जाता है क्योंकि ये map की तरह काम करते हुए user को website के अंदर ले जाते हैं.
2. Footer में पाए जाने वाले Internal Links
Navigation Links की तरह ही Footer Links भी हमेशा blog में रहते हैं और यह यह Footer Links आपके ब्लॉग के सभी पेज दिखाते हैं. आप चाहे तो सिर्फ उन pages को footer link में रख सकते हैं जो काफी ज्यादा महत्वपूर्ण हैं.
आपको अक्सर ब्लॉग के Footer में Contact Us, Help, Frequently Asked Questions, About Us पेजों के लिंक मिलते होंगे.येह्सब add करना जरुरी है क्योंकि user अक्सर इन पर जाते हैं और इन्हें लेकर वो ज्यादा टाइम नहीं लगाना चाहते हैं.
3. Sidebar Internal Links
Sidebar Internal Links वो Relevant Links होते हैं, जो नेविगेशन का काम पूरा करते हैं.
कई बार blog में relevant Content दिखाने के लिए Sidebar में Internal Links का इस्तेमाल किया जाता है. Sidebar Links उन Blogs के लिए सही रहते हैं जिनमें बहुत ज्यादा Content रहता है जैसे News Blog या Multi Niche Blog.
4. In-text Internal Links
In-text लिंक वे होते हैं जो किसी ब्लॉग के Content के Main Part में दिखाई देते हैं. इस तरह की लिंक का उपयोग अक्सर ब्लॉग पोस्ट में On Page SEO करते समय किया जाता है.
Internal Linking SEO के लिए क्यों जरूरी है?
Internal Linking करने से आपके ब्लॉग का एक structure बन जाती है जिसकी वजह से सर्च इंजन क्रॉलर आसानी से उसे क्रॉल कर लेते हैं. इसके अलावा internal linking के और बहुत से ऐसे फायदे हैंजो SEO के लिए जरुरी है;
1. Page क्रॉल करने में रहती है आसानी
किसी भी blog के home page से किसी दूसरे page पर पहुंचने के लिए तीन क्लिक से ज्यादा नहीं लगनी चाहिए. अगर आपके ब्लॉग पर किसी भी page पर Internal Link नहीं है, तो Google के क्रॉलर उसे देख नहीं पाते हैं.
आप जिस भी web page को rank करना चाहते हैं वो सर्च इंजन क्रॉलर्स में आने जरुरी है और इसके लिए Internal Linking बहुत जरूरी हैं.
2. Relevance और Context की सटीक जानकारी
Google अलग अलग सर्च शब्दों के Context और Relevance को समझने के लिए Internal Link के Anchor Text पर भी निर्भर करता है.
अगर Anchor Text लिंक किए गए पेज के Content से mail नहीं खाते हैं तो Google उस webpage को SERP पर आगे नहीं लाता है.
3. PageRank डिस्ट्रीब्यूशन
Internal Linking हमारे ब्लॉग पर PageRank को Distribute करने में मदद करते हैं. PageRank से जानकारी मिलती है कि webpage कितना relevant है.
हर बार जब कोई पेज दूसरे से लिंक होता है, तो वह उसके PageRank, या लिंक इक्विटी के एक हिस्से से होकर गुजरता है.
Google अपने रैंकिंग Algorithm में पेजरैंक का उपयोग करता है, और किसी पेज में जितना अधिक पेजरैंक होगा, उसके SERPs में High रैंक प्राप्त करने की संभवना उतनी अधिक होती है.
Internal Linking कैसे करें| Internal Linking Kaise kare in Hindi
बहुत बार हमसे Internal Linking करते समय गलतियां हो जाती है जिसकी वजह से ब्लॉग सर्च इंजन में High रैंकिंग पर नहीं आ पाता है. तो चलिए जानते हैं कि आप internal linking कैसे कर सकते है;
- Anchor Text हमेशा रखें keyword संबधी
अगर आप चाहते हैं कि Internal Linking अच्छे से हो तो कीवर्ड से जुड़े हुए Anchor Text का ही इस्तेमाल करें.
Anchor Text आपके page के content के बारे में बताता है.
- हमेशा DoFollow इंटरनल लिंक जरुर बनाएं.
अगर आप चाहते हैं कि आपका page अच्छे से rank करे तो Internal Links को DoFollow करें. DoFollow एक Google क्रॉलर्स एक robotic search instruction मिलती है जिसकी मदद से page इंडेक्स होता है और ये Link Juice भी pass करता है.
- Link करते समय संबंधित Page या Post को ही लिंक करें
Internal Linking करते समय हमेशा ऐसे पेज या पोस्ट को लिंक जो उस पेज के Relevant हो.इससे chance बढ़ जाता है कि user उसपर जाएगा. जैसे कि कोई वजन कम करने के लिए एक्सरसाइज देखना चाहता है तो साथ ही आप कोई डाइट से जुड़ा हुआ या एक्सरसाइज के तरीके का page link कर सकते हैं ताकि user का रुझान बना रहे.
- रेगुलर पुराने पोस्ट में नए पोस्ट लिंक करें
आप जब भी कोई नई पोस्ट पब्लिश करते हैं तो उसी से जुड़ी हुई पुरानी पोस्ट में जाकर उसे link कर दें साथ ही आप बीच में नई पोस्ट में भी पुरानी पोस्ट का link दे सकते हैं.
- Blog में कभी भी ना रखें Broken Links
Link करने के बाद कभी अगर आप उस article को update करते हैं और उसका URL address बदल जाए तो तुरंत जाकर नया address update करें. Broken link से आपके page की ranking नीचे जा सकती है.
लिंक Maintenance रेगुलर तौर पर करें.
- लिंक्ड article को एक ही पेज में खोलें
युजर्स जब भी आपके internal लिंक पर क्लिक करने तो उस लिंक से संबंधित आर्टिकल उसी टैब में खुलना चाहिए जिसपर user मौजूद है. इससे युजर्स का अनुभव बेहतर होता है.
अगर आपका यह आर्टिकल को किसी दूसरी टैब में Open होगा, तो आपके लिंक आपके युजर्स को आपके ब्लॉग पर बनाए रखने के बजाय उसे दूर भेज देंगे.
- एक आर्टिकल में बहुत ज्यादा इंटरनल लिंक का इस्तेमाल ना करें.
एक आर्टिकल में ज्यादा इंटरनल लिंक लगाने युजर्स अनुभव खराब हो सकता है क्योंकि इसमे Confuse हो सकते हैं. किसी भी Piller Post में 30 से 40 तथा एक सामान्य पोस्टमें 10 से 15 से ज्यादा internal link नहीं होने चहिये.
Internal Linking के फायदे (Advantage of Internal Linking in Hindi)
SEO के हिसाब से देखा जाए तो Internal Linking बहुत जरुरी है. इसके निम्न फायदे हैं;
- Internal Linking करने से किसी भी Blog का bounce rate कम रहता है.
- Internal linking blog की रैंकिंग बढ़ाने में मदद करता है.
- Internal Linking, पेज View बढ़ाने में भी मदद करता है.
- Internal Linking की मदद से ब्लॉग को जल्दी से Index करा सकते हैं क्योंकि इसमें आपके ब्लॉग का एक स्ट्रक्चर बन जाता है जहां सभी article एकदूसरे से link रहते हैं.
- Internal linking करने से Blog का On Page SEO अच्छा होता है.
- Internal Linking आपके ब्लॉग का Organic Traffic बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
- Internal Linking से Page Authority बढ़ती है.
WordPress Blog में Internal Linking कैसे करें?
Word प्रेस पर internal linking करने के लिए आपको ये स्टेप्स फॉलो करने चाहिए;
सबसे पहले आप जिस भी Text पर इंटरनल लिंक करना चाहते हैं उसे सेलेक्ट कर लें.
उसके बाद ऊपर दिए गए लिंक वाले icon पर क्लिक करें.
इसपर आप जिस भी article को link करना चाहते हैं उसका link पेस्ट कर सकते हैं या टेक्स्ट से संबंधित पोस्ट को सर्च करके इंटरनल लिंक कर सकते हैं.
FAQs on Internal Linking Kya Hai in Hindi?
1. ब्लॉग पोस्ट में कितने Internal Link शामिल करने चाहिए?
एक आर्टिकल में ज्यादा इंटरनल लिंक लगाने युजर्स अनुभव खराब हो सकता है क्योंकि इसमे Confuse हो सकते हैं। एक Piller Post में ज्यादा से ज्यादा 30 से 40 तथा एक सामान्य पोस्ट मे ज्यादा से ज्यादा 10 से 15 इंटरनल लिंक का ही उपयोग करें।
2. क्या अधिक या कम ट्रैफ़िक वाले पेजों पर Internal Link जोड़ना चाहिए?
हां आप ऐसा कर सकते हैं और ऐसा करने से आपके कम traffic वाले page पर traffic आने कि संभावना बढ़ जाती है.
3. इंटरनल लिंकिंग का उदाहरण क्या है?
इंटरनल लिंकिंग एक ऐसा लिंक है जो एक ही Domain के अंदर दूसरे पेज की ओर redirect करता है. इंटरनल लिंक हाइपरलिंक के रूप में दिखाई देते हैं।