On-Page SEO कैसे करे और इसकी मदद से blog पर traffic कैसे बढ़ाएं? जानिए On-Page SEO in Hindi और On-Page SEO Techniques in Hindi.
On Page SEO क्या है और इसे कैसे करें
आजकल हर कोई Internet का इस्तेमाल करता है और आपको एक चीज से जुड़े हजारों Websites और Blogs मिल जाते हैं और रोजाना बड़ी तादात में नई वेबसाइट और ब्लॉग बनते भी रहते हैं. इसी बीच अगर आप चाहते हैं कि आप खुद की एक Website बनाएं तो उसे पहचान देना बड़ा मुश्किल हो जाता है. अगर Search engine के पेज में आपकी वेबसाइट का rank नहीं होगा तो उस पर Traffic आना बहुत मुश्किल हो जाता है.
लेकिन इसका एक हल है, और वो है SEO. Search Engine Optimization में वो सभी techniques आती है जिनका इस्तेमाल करते हुए आप आसानी से अपने Webpage को Google पर रैंक करवा सकते हैं. आपके webpage की rank जितनी अच्छी होगी उतना ही ज्यादा आपकी वेबसाइटपर traffic आने की संभावना बढ़ जाती है.
अगर आपको यह जानकारी है तो आपको थोड़ा बहुत यह भी जरूर पता होगा कि On Page SEO Kya hai? यह SEO की ही एक Category है जिसमें हम सभी technique अपने Website में इस्तेमाल कर सकते हैं जिससे की उसे आसानी से search engines में rank किया जा सके, इसमें page titles, internal linking, meta tags और descriptions, आदि आते हैं.
अगर सरल शब्दों में बताया जाए कि On Page SEO kya hai तो इसमें Website के pages को कुछ तरीके से सेट किया जाता है कि कभी भी search करते समय आपकी website top pages में ही आती है, जिसकी वजह से ज्यादा से ज्यादा लोग आपकी वेबसाइट पर आते हैं और उसे पर organic traffic आने की संभावना बढ़ जाती है. ऐसा करने के लिए website के content, architecture और HTML code को optimize करना होता है.
On-Page SEO से जुड़ी हुई हर एक चीज को आप खुद ही अपनी website के interface में control करते हैं, इसलिए जरूरी है कि आप सारी चीज एकदम सही तरीके से implement करें.
On Page SEO क्या है? What is On Page SEO in Hindi
On page SEO में हम अपने webpage को optimize करते हैं और उसे इस तरह से optimize किया जाता है कि जब भी कोई उस topic को search engine पर डालें तो आपका webpage सबसे ऊपर दिखाई दे. On page SEO Factor की मदद से आपके webpage की ranking बढ़ाई जाती है और ऐसा करने से स्क्रोलर आपकी website पर आते हैं और उस पर traffic आता है.
साथ ही On page SEO करते समय हम website में blog या article के content को भी इस तरह से optimize करते हैं कि जो भी वेबसाइट से कंटेंट रीड करें उसे आसानी से समझ में आ सके कि इस ब्लॉक का कंटेंट किस बारे में है.
SEO में On Page SEO बहुत ज्यादा जरूरी है क्योंकि इसकी मदद से ही आप यह बता सकते हैं कि आपकी वेबसाइट किस बारे में है और साथ ही आप अपने ब्लॉग या फिर कंटेंट के अंदर अलग-अलग Keyword भी इसकी मदद से target कर सकते हैं.
कोई भी यूजर जब किसी वेबसाइट पर जाता है तो रिसर्च के अनुसार वह किसी भी वेबसाइट कुछ सेकंड ही ठहरता है. लेकिन अगर उसे open की गई वेबसाइट में अच्छी तरह से content मिलता है तो वह उससे और बेहतर engagment और interaction करता है जिसकी वजह से आपकी वेबसाइट पर ट्रैफिक बढ़ जाता है. अगर आप सही तकनीक का इस्तेमाल करते हुए अपनी website पर On page SEO करते हैं तो आपको अपनी वेबसाइट पर ट्रैफिकमें boost जरूर नजर आएगा.
On Page SEO क्यों जरुरी है? | Why is On-Page SEO important?
आजकल लगभग हर जानकारी के लिए हम सबसे पहले internet पर जाकर Google Search Engine की help लेते हैं. ऐसे में अगर आपका blog गूगल पर rank नहीं कर रहा है तो लोग आपके blog तक पहुंच ही नहीं पाएंगे. क्योंकि ज्यादातर लोग search engine में सबसे top पर आने वाली website को ही open करते हैं.
इसलिए अगर आप भी चाहते हैं कि आपका blog या फिर आपकी website Google search engine के First Page पर रैंक करें तो आपको उसे बनाते समय Search Engine Optimization (SEO) techniques का इस्तेमाल करना ही पड़ेगा. On-page SEO की सबसे अच्छी बात यह है कि इसका पूरा control blog/website owner के हाथ में ही होता है.
अगर आप चाहते हैं कि आपका वेबसाइट या फिर आपके कंटेंट को सर्च इंजन से ज्यादा से ज्यादा ट्रैफिक मिले तो आपके लिए On-page SEO बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है. इसके अलावा एक बहुत अच्छी बात है कि अगर आपका Blog Post Search Engine के First Page पर Rank करता है तो इससे website का traffic तो बढ़ता ही है साथ हीPge Authority(PA) और Domain Authority(DA) भी increase होती है.
एक बार अगर आपका ब्लॉग या आर्टिकल गूगल के पहले पेज पर रैंक करने लगता है तो उसके बाद हम अपनी एक post से दूसरी post को interlink करते हुए traffic को और ज्यादा बढ़ा सकते हैं.
On Page SEO कैसे करे? | How to do On Page SEO in Hindi?
On-page SEO करने का सबसे बड़ा कारण है कि हम चाहते हैं हमारा webpage, SERP( Search Engine Result Page) में सबसे ऊपर रैंक करें.ऐसा करने के लिए हमें अपनी वेबसाइट में बहुत सी चीजों को ऑप्टिमाइज करना पड़ता है ताकि सर्च इंजन को यह समझ में आ जाए कि हमारा ब्लागकिस बारे में है. On-page SEO techniques में बहुत सी on-site techniques शामिल हैं जिन्हें implement करते हुए आप अपने webpages पर traffic बढ़ा सकते हैं. जितना ज्यादा अच्छी तरह से आप on-page SEO करेंगे उतना ही ज्यादा chance होता है कि आपकी website को ज्यादा relevant traffic आएगा.
वैसे तो On Page SEO के बहुत से अलग अलग technical aspects हैं जिन्हें की optimize किया जा सकता है, उसमें ये मुख्य हैं
- Keywords research
- Title tags
- Headings (Header Tags Optimization)
- Meta description
- URL structure
- Keyword density
- Links (Broken links, Internal links, Outgoing Links)
- Images
- ALT tag for Images
- Website Speed and Page Speed
- Mobile friendly (Responsive) site
- Content duplicity
On Page SEO करने की तकनीक | Techniques of Doing On-Page SEO in Hindi
तो चलिए अब कुछ महत्वपुर्ण On Page SEO के बेस्ट practices के बारे में जानते हैं. और इन On Page SEO techniques in Hindi को हम अपने blog को optimize करने में इस्तेमाल कर सकते हैं.
Title Tag
Title Tag एक HTML element है जिसका इस्तेमाल On Page SEO में किया जाता है. टाइटल टैग बनाते समय एक चीज ध्यान में रखना जरूरी हैकी title की लंबाई 65 characters से ज्यादा नहीं रखनी चाहिए क्योंकि सर्च इंजन में 65 characters से ज्यादा की title length दिखाई नहीं देती है.
साथ ही हमेशा टाइटल देते समय कोशिश करें कि आपका title tag attractive हो, ताकि आप search engine से बहुत ज्यादा clicks जनरेट कर सकें. ये आपके blog की CTR (Click Through Rate)को भी बढ़ाता है.
-Post का Title लिखते समय भी आपको कुछ बात ध्यान में रखनी चाहिए जैसे;
-Blog का केवल एक ही title tag होना चाहिए और उसे हमेशा H1 tag में रखें. आप Sub heading (H2, H3, H4) जितना चाहे इस्तेमाल कर सकते हैं.
-Title Tag में keyword use करें, ऐसा करने से आपके content को high ranking मिलती है.
– कोशिश करें कि आप टाइटल में नंबर यानि की संख्या का इस्तेमाल करें, ऐसा करने से यूजर आपके टाइटल की तरफ ज्यादा अट्रैक्ट होते हैं और आपके टाइटल पर ज्यादा ट्रैफिक आने की संभावना रहती है उदाहरण के लिए;
5 Best Exercises, 10 Best Home remedies, 5 SEO techniques आदि.
-Post title को SEO friendly बनाने के लिए कुछ word है जिनका बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है जैसे कि Best, Top, Effective, Most Important, Surprising, Essential, Ultimate guide, Beginners guide, A Complete guide इत्यादि .
SEO-Friendly URL Structure
On-Page SEO करते समय Title के साथ साथ Permalink भी सही तरह से रखना बेहद जरुरी है. URL को ही permalink भी कहते हैं, आप जब भी पोस्ट बना रहे होते हैं उस समय आप इसे बदल सकते हैं. URL को SEO friendly बनाने के लिए आपको कुछ चीजों का ध्यान रखने की ज़रूरत है-
-URL को बहुत ज्यादा बड़ा ना रखें.
-जितना ज्यादा हो सके URL में target keyword का इस्तेमाल करें.
– URL को हमेशा Lowercase Letter में लिखें.
– URL में स्पेशल character का इस्तेमाल न करें.
उदाहरण के लिए
https://www.xyz.com/on-page-seo-kya-hota-hai (Good Url Structure)
https://www.xyz.com/134_OH789 (Bad Url Structure)
Meta Description Tag क्या है?
Meta description हमारे blog का वह हिस्सा है जिसकी मदद से हम किसी भी सर्च इंजन को अपने पोस्ट या फिर लिखे गए आर्टिकल के बारे में एक short Description देते हैं. इसकी मदद से जानकारी मिलती है कि आखिर blog के अंदर लिखा क्या गया है और यह किस बारे में जानकारी दे रहा है. Meta description tag की length 160 से 165 word तक ही होनी चाहिए.
जब भी आप पोस्ट बना रहे हैं तो description में keyword का इस्तेमाल ज़रूर करें क्योंकि Google टाइटल और डिस्क्रिप्शन दोनों के keywords को SERP में show करता है. ऐसा करने से आपकी पोस्ट की सर्च इंजन पर ऊपर आने की संभावना बढ़ जाती है.
Keyword पर Research करना है बेहद ज़रूरी
Blog या article में सिर्फ लिख देना ही काफी नहीं है बल्कि आपको कोई भी पोस्ट लिखने से पहले उसमें इस्तेमाल किए जाने वाले Keyword पर अच्छी तरह से रिसर्च करने की जरूरत है. कोशिश करें कि आप अपने कंटेंट में ऐसे long tails keywords का इस्तेमाल करें जिनका search competition भी कम हो और जो आपकी पोस्ट को rank में ऊपर ले जाने में मदद करें. भले ही आप कितना ही अच्छा कंटेंट क्यों ना लिख ले लेकिन अगर आपने सही तरह से रिसर्च करते हुए अपनी पोस्ट में कीवर्ड का इस्तेमाल नहीं किया है तो आपके कंटेंट को सर्च इंजन के फर्स्ट पेज पर रैंक करवाना बेहद कठिन काम हो जाता है.
Keyword research करने के लिए online भी बहुत सारे tools हैं जिनका use करके हम बहुत ही आसानी से अपने कंटेंट के हिसाबसे keyword ढूंढ सकते हैं. ऐसे हीकुछ tools हैं,
- Google Keyword Planner
- SEMrush
- Ahref
- Ubersuggest आदि
ऊपर बताए गए टूल्स की मदद से हम एक कीवर्ड के बारे में यह पता लगा सकते हैं कि इसका कितना traffic search volume है और इस keyword का competition भी इनकी मदद से पता लगाया जा सकता है.
हालांकि एक बात ध्यान में रखने की जरूरत है कि यह tool एकदम 100% सच जानकारी नहीं देते हैं लेकिन इनका इस्तेमाल करते हुए आप अंदाजा जरूर लगा सकते हैं.
User के हिसाब से Quality Content Create करें
SEO के सभी तरह के नियम तभी काम करते हैं अगर आपके कंटेंट की क्वालिटी अच्छी होगी. हमेशा कंटेंट बनाते समय इस बात का ध्यान रखें कि आप कंटेंट इस तरह से लिखें कि वह आपकी audience को पसंद आए. अच्छा कंटेंट लिखने के बाद ही आप उसमें टारगेट के आधार पर कीवर्ड और On Page SEO technique का इस्तेमाल करते हुए उसे सर्च इंजन में ऊपर ला सकते हैं. .
किसी भी विषय पर लिखते हुए कोशिश करें कि आप लगभग Content की length 1500 – 2500 शब्दों तक रखें.
Keyword Optimization – Focus Keywords का अच्छे से use करें
अगर आप चाहते हैं कि अपने आर्टिकल का SEO एकदम Best हो तो शुरुआत के 100-150 Words में focus keyword को अवश्य शामिल करें. ऐसा करने से search engine को article का context समझने में आसानी हो जाती है.
Target keywords का सही जगह पर blog में इस्तेमाल करना ज़रूरी है. हमें अपने blog के title, heading tag, alt tags, meta tags, URL structure और content में ऐसे keywords का इस्तेमाल करना चाहिए जो आसानी से Google catch कर सके और जल्दी ही आपका article अच्छे rank पर आ जाए. एक बार अगर आप keyword के जरिए search engine को ये समझाने में कामयाब हो जाते हैं कि आपका article है किस बारे में तो उस पर traffic आना बेहद आसान हो जाता है.
Blog में Internal Linking बेहद सावधानी से करें.
On-Page SEO में Internal linking को अच्छे से करना बहुत जरुरी है. ये आपके blog कि ranking सुधारकर उसपर traffic लाने में बहुत मदद करता है. Interlinking करते हुए आप अपनी website में एक दुसरे से related pages को आपस में inter link करते हैं. ऐसा करने से एक बार जो आपकी website visit करता है वो एक साथ ही बहुत से blog या article check करता है. ऐसा करना से वेस्बिते का Bounce rate कम होता है और traffic बढ़ जाती है.
Internal links add करने पर SEO में क्या फायदा होता है
अगर हम अपनी वेबसाइट पर Internal Links जोड़ते हैं, तो इससे कई तरह के फायदे हो सकते हैं.
SEO और साइट नेविगेशन में सुधार: इंटरनल लिंक्स से सर्च इंजन ऑप्टिमाइज़ेशन (SEO) में मदद मिलती है। वे आपकी वेबसाइट की अंदरूनी संरचना को मजबूत करके यूज़र्स को साइट के अन्य भागों में ले जाते हैं, जिससे वेबसाइट के नेविगेशन को सुधारता है.
कंटेंट की भरपूरता: इंटरनल लिंक्स से आपके पोस्ट्स को एक दूसरे से जोड़ा जा सकता है, जिससे आपके visitor को और भी ज्यादा जानकारी मिल सकती है.
पेज रैंकिंग: इंटरनल लिंक्स से जुड़े पेज को गूगल और अन्य सर्च इंजन्स को एक अधिक महत्वपूर्ण स्थान दिया जा सकता है, जो आपके पेज की रैंकिंग में मदद कर सकता है.
यूज़र एक्सपीरियंस में सुधार: इंटरनल लिंक्स से यूज़र्स को एक से दूसरे वेबसाइट के बीच स्मूथ ट्रांजिशन मिलता है, जो उनके अनुसार पसंदीदा कंटेंट की तलाश में मदद कर सकता है.
सर्च इंजन रैंकिंग में सुधार: अगर आप अपने कंटेंट में High Quality और relavent Links जोड़ते हैं, तो गूगल आपके कंटेंट को और आगे लाकर रैंकिंग में सुधार करता है.
उपयोगकर्ता स्तर पर सहायता: इंटरनल लिंक्स से यूज़र्स को विशेष विषयों पर विस्तृत जानकारी मिलती है, जिससे वो आपके content को और deeply पढ़ते हैं.
साइट की भरपूरता: इंटरनल लिंक्स से यूज़र्स को वेबसाइट की और भी अधिक सेक्शन्स और पेज्स पर ले जाने की सुविधा मिलती है, जिससे आपकी वेबसाइट की सामग्री की भरपूरता बढ़ती है.
Alt Tag for Images क्या है
जब भी आप अपने कंटेंटमें image का इस्तेमाल करते हैं तो Alt attribute image के लिए एक alternative text होता है जो कि image का description देता है. SEO Image Optimization में Alt Tag काफी ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि इसकी वजह से ही image search में आता है.
साथ ही एक बात का हमेशा ध्यान रखें कि जब भी आप अपनी वेबसाइट के लिए कोई भी आर्टिकल या फिर कंटेंट लिख रहे हैं तो उसमें इमेज का इस्तेमाल जरूर करें क्योंकि ऐसा करने से वेबसाइट का ट्रैफिक बढ़ता है.
एक image की SEO optimization के लिए ये तीन काम अवश्य करने चाहिए –
Image के name में focus keyword को add करना ना भूलें.
ALT text में भी same target keyword को use करें.
Image की size कम से कम रखें ताकि ब्लॉग के पेज को load होने में ज़्यादा टाइम ना लगे.
जब भी आप कोई भी ब्लॉग लिखा तो उसमें एक फीचर इमेज का इस्तेमाल जरूर करें. यह इमेज आपके कंटेंट से जुड़ी हुई होनी चाहिए. यह Thumbnail की तरह काम करती है और बहुत बार यूजर इसे देखते हुए आपके कंटेंट पर आते हैं जिससे ट्रैफिक बढ़ाने में मदद मिलती है.
क्या हैं Heading Tags ?
किसी भीवेबसाइट या ब्लॉग में अलग-अलग तरह के हेडिंग टैग होते हैं. सबसे पहले blog post का Title लिखा जाता है जिसे हमेशा H1 tag में रखना चाहिए और दूसरी Sub heading को H2, H3 में रखना चाहिए.
Heading tags जैसा कि नाम से ही समझ में आ रहा है content को small paragraphs में भी break करने में मदद करते हैं. इनमें भी आप हमेशा की शब्द का इस्तेमाल करें ताकि यह सर्च इंजन में ऊपर आ सकें.
Website में नेविगेशन का तरीका
हमेशा जब भी आप अपनी वेबसाइट में नेविगेशन का इस्तेमाल करें तो यह इस तरह से इस्तेमाल किया जाना चाहिए की वेबसाइट पर आने वाले यूजर को एक page से दूसरे page पर जाने में किसी भी तरह की परेशानी ना हो. साथ ही ब्लॉग में हेडर और footer को अच्छी तरह से इस्तेमाल अकर्ण चाहिए.
Page Speed को Improve करना है बेहद आवश्यक
On Page SEO में page load speed एक बड़ा ही important factor होता है क्योंकि जो भी पेज बहुत ही स्लो स्पीड से लोड होता है उसे वेबसाइट का bounce rates बढ़ जाता है. एक website का ideal load time 2 से 4 seconds से ज्यादा नहीं होना चाहिए क्योंकि लगभग 40% लोग केवल 4 secs के लिए ही आपकी वेबसाइट पर आते हैं और अगर इतने टाइम के अंदर पेज नहीं खुलता है तो वह आपकी वेबसाइट छोड़कर चले जाते हैं.
इसलिए अगर आपकी वेबसाइट स्लो है तो उसकी speed को optimize करना बेहद जरूरी है क्योंकि slow website ना तो सर्च इंजन कीरैंकिंग में ऊपर आती है और ना ही यह यूजर को पसंद आती है. लगभग सभी सर्च इंजन slow loading pages को lower ranking देते हैं.
आप अपनी website की लोडिंग स्पीड चेक करने के लिए Google के PageSpeed Insights tool का use कर सकते हैं.
On Page SEO के जरिए website को बनाएं mobile फ्रेंडली| Make your website Mobile friendly with On Page SEO in hindi
जब भी आप वेबसाइट बना रहे हैं तो इसे मोबाइल फ्रेंडली बनाएं. Responsiveness एक design element होता है जो कि आपके website pages को सही तरीके से किसी भी electronic device में display करने में मदद करता है, जिसमें mobile devices, tablet और desktop आदि शामिल हैं.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गूगल पर लगभग 60% से भी ज्यादा ट्रैफिक सिर्फ मोबाइल फोन से आता है. इसका मतलब है कि अगर आपकी वेबसाइट मोबाइल पर अच्छी तरह से काम नहीं कर रही है तो उसे पर आने वाले ट्रैफिक में कमी आने से कोई नहीं रोक सकता है. इसके लिए बेहद जरूरी है कि आप अपने ब्लॉग पर mobile friendly theme का उपयोग करें. आपकी website mobile friendly है कि नहीं ये चेक करने के लिए आप Google के mobile friendly test tool का use कर सकते हैं.
हमेशा content में Social Sharing Button रखें.
किसी भी यूजर को अगर आपका कंटेंट पसंद आता है तो वह इसे अपने आसपास के लोगों के साथ जरूर शेयर करना चाहेगा इसीलिए अपने कंटेंट में social sharing buttons इस्तेमाल करना ना भूलें. इसके ज़रिए यूजर सोशल मीडिया साइट्स पर आपका content share कर पाएंगे, ऐसा करने से ऑटोमेटिक तौर पर ही आपके blog post पर page views आएंगे.
Website पर किसी भी तरह के broken link ना हों
On Page SEO करते समय आप अपने website या blog पर broken links जरूर चेक करें और यदि post में कोई broken लिंक मिलता है तो उसे optimze करें वरना Google आपके site को अपने रैंकिंग में space नहीं देगा.
किसी भी website के broken links check करने के लिए आप Google में broken link checker सर्च करके best tool की मदद से ब्रोकन लिंक्स चेक कर सकते और उनको सही से re-optimze कर सकते हैं.
On-Page SEO में quality content क्यों है महत्वपूर्ण?| Why is quality content important in On page SEO in hindi
आपने भी ऐसा बहुत बार सुना होगा कि Blogging के जगत में हमेशा कहा जाता है कि यहां content ही king है. इसका क्या मतलब है? इसका मतलब है कि आपका कंटेंट हमेशा आपकी ऑडियंस को पसंद आना चाहिए और साथ ही यह कहीं से भी कॉपी किया गया कंटेंट नहीं होना चाहिए. हमेशा एकदम यूनीक कंटेंट ही अपनी वेबसाइट पर पब्लिश करें. अगर आप कॉपी पेस्ट करके कंटेंट बना रहे हैं या फिर किसी और का कंटेंट हल्का-फुल्का बदलकर इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपकी वेबसाइट कभी भी सर्च इंजन में रैंकिंग पर नहीं आ पाती है.
On-page SEO और off-page SEO में difference| Difference between On Page and Off Page SEO
अगर आप किसी भी SEO expert से बात करें कि Difference between On Page and Off Page SEO
क्या है तो वह सबसे पहले आपको यही कहेगा कि किसी भी blog की success के लिए आपको on page SEO और off page SEO, दोनों की ही ज़रूरत पड़ती है. Blog से जुड़ी search engine rankings के मामले में ये दोनों ही तरह के SEO एकदम अलग तरह से काम करते हैं.
तो चलिए जानते हैं की आखिर इन दोनों में क्या अंतर हैं. इसे समझने के लिए बिलकुल ही basic level में जाना होगा की कैसे search engine कार्य करती है।
अगर बहुत ज्यादा सिंपल शब्द में बात की जाए तो हम On-page SEO ये पता लगते हैं कि आपकी website असल में है किस बारे में और वहीं Off-page SEO बताता है कि आपकी website कितनी ज्यादा authoritative और popular है.
जब आप अपनी वेबसाइट को रैंक करना चाहते हैं तो तब on-page SEO इस्तेमाल किया जाता है और यह जानने के लिए कि आप उसे कितना ऊपर रैंक कर सकते हैं off-page SEO मदद करता है.
FAQs on On Page SEO क्या है?
ऑन पेज ऑप्टिमाइजेशन तकनीक क्या है?
On Page Optimization website को सुधारने का Process है जिसकी मदद से website की ranking को Search Engine Result Page पर बढ़ाया जा सकता है.
ऑन पेज और ऑफ पेज ऑप्टिमाइजेशन क्या है?
ऑन पेज SEO में हम अपनी खुद की वेबसाइटको SEO फ्रेंडली बनाकर उसकी रैंकिंग बढ़ाने की कोशिश करते हैं लेकिन वही ऑफ पेज ऑप्टिमाइजेशन में हम अपनी वेबसाइट पर सीधे तौर पर काम नहीं करतेहैं. इसमें किसी दूसरी वेबसाइट से backlink लिया जाता है और उसका इस्तेमाल करते हुए वेबसाइट की अथॉरिटी बढ़ाई जाती है.
On Page SEO क्या है और यह क्यों जरूरी है?
यह SEO की ही एक Category है जिसमें हम सभी technique अपने Website में इस्तेमाल कर सकते हैं जिससे की उसे आसानी से search engines में rank किया जा सके, इसमें page titles, internal linking, meta tags और descriptions, आदि आते हैं. इससे आपकी website पर traffic लाने में मदद मिलती है.
क्या मैं एक महीने में SEO सीख सकता हूं?
हां, आप घर पर ही आसानी से एक महीने में SEO सीख सकते हैं. YouTube पर भी काफी video इसके लिए उपलब्ध है.
On Page SEO सीखने में कितना समय लगता है?|
On Page SEO क्या है और इसे कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है यह आप 2 से 3 महीने की अवधि में सीख सकते हैं।